आग बहे तेरी राग में (Aag Bahe Teri Rag Mein)

आग बहे तेरी राग में (Aag Bahe Teri Rag Mein)

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Aag Bahe Teri Rag Mein
Shiva

आग बहे तेरी राग में (Aag Bahe Teri Rag Mein) Bhajan

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आग बहे तेरी राग में
तुझसा कहा कोई जाग में
है वक़्त का तू ही तो पहला पहर
तू आँख जो खोले तो ढाए कहर

तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर

ना ना आदि अंत उसका है
वो सबका ना इनका उनका
वोही है माला वोही है मनका
मस्त मलांग वो अपनी धुन का
मंतर जंतर अंतर ज्ञानी
है सर्वागया स्वाभिमानी
मृत्युंजय है महाविनाशी
ओंकार है ईससिकी वाणी
इसीकि इसीकि वाणी
धतूरा भांग बेल का पत्ता
तीनो लोक उससी की सत्ता
विष पीकर भी अडेक़ अमर है
महादेव हर हर है जप्ता
वही शून्या है वही िकाए
वही शून्या है वही िकाए
वही शून्या है वही िकाए
जिसके भएटर
शैवाय है
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर

अघोर्ाणना पारो मंतरा
नास्ती तटवाँ गुरो परम

महादेव नगेंद्रा हराया त्रिलोचनया
बासमानगा रगया महेस्वरया
नित्याया शुधया दिगंबराया
तस्मै नकाराया नमशिवाया
शिवा प्रेज़ेंट्स
शिवा इन फ्रंट ऑफ
शिवा
शिवा प्रेज़ेंट्स
शिवा इन फ्रंट ऑफ
शिवा
महादेव जी त्रहिमँ पाहिमँ
शरणागतम पाहिमँ
शिवा रक्षामाम
शिवा शिवा पाहिमँ

आँख मूंद देख कर रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एकाकी
जिसके लिए जगत है झाँकी
में जाता गंगा चाँद मुकुट है
सोमया कभी कभी बड़ा विकट है
आग से जन्मा है कैलषी
शक्ति जिसकी दरस की प्यासी
है प्यासी हन प्यासी
भी राम उसका रावण उसका
जीवन उसका मारन भी उसका
तांडव है और ध्यान भी वो है
अगयानी का गयाँ भी वो है

वही शून्या है वही िकाए
वही शून्या है वही िकाए
वही शून्या है वही िकाए
जिसके भएटर
शैवाय है

तू ही शिवा तुझमे ईश्वर
कोई नही यहाँ तेरे सिवा
उड़ा राख अग्नि को ज्वाला तू कर
मिटा दे अंधेरे तू बन के सहर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर

आँख मूंद देख कर रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एकाकी
जिसके लिए जगत है झाँकी
कैलषी
शक्ति .
तो बोलो हर हर हर

यक्षा स्वरूपया जात्ता ढाया
प्यार हस्तताया सनातन्येया
दिव्याया डेवाया दंगंबराया
तस्मै यकराया नमशिवाया


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Stuti

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